गली मुहावरों वाली
सबको राह दिखाती
लंबा पर सही रास्ता ही है जो बस है ठीक।
गली मुहावरों वाली
सबको यह सिखाती
अक्लमंद को इशारा काफ़ी।
गली मुहावरों वाली
सबसे करे सवाल
क्या कभी ना सुना है
मखमल के गलीचों पर टाट के पैबंद नहीं लगते?
या
नाच ना जाने आँगन टेढ़ा ?
क्या कभी ना सुना है
अधजल गगरी छलकत जाए ?
या
कागज़ की नाव नहीं चलती ?
क्या देखा है कभी
जलेबी सा सीधा व्यक्तित्व ?
या
हथेली पर सरसों उगते?
क्या कभी किस्से कहानियों से बाहर देखा है अलादीन का चिराग ?
या
बड़ी-बड़ी बातों से पेट भरते ?
क्या हाँ की जगह ना और ना की जगह हाँ हो सकती है ?
या
रात की जगह दिन और दिन की जगह रात ले सकती है ?
यह है गली मुहावरों वाली
जो अज्ञान की निद्रा से हमें जगाती और हमें है यह बताती
लंबा टीका मधुर बानी दगाबाज़ की यही निशानी
और देख ,समझ और पहचान ले उसको जिसके हाथ में माला पर दिल में है भाला।
झूठे दोस्त से खुला दुश्मन भला
और तिलक लगाने से ना हर कोई संत बना।
गली मुहावरों वाली
सबको यह चेताती
दो गज की बना लो उनसे दूरी
जिन्हें आता हैं तिल का ताड़ बनाना ।
जिनके मुँह में राम पर है बगल में छूरी।
जिन्हें आता है पराई आग में हाथ सेंकना।
जो हो जाए पल में तोला पल में माशा।
जो हैं कान के क्च्चे
उन्हें हो बस दूर से नमस्ते।
गली मुहावरों वाली
सबको यह बतलाती
भूल ना जाना यह सौ आने की बात
स्वर्ग की गुलामी से भला है नरक का राज।
भूल ना जाना जब तक है साँस तब तक है आस।
भूल ना जाना
सबकी अपनी-अपनी जंग सबकी अपनी-अपनी जीत।
जब किसान माँगे वर्षा कुम्हार चाहे सूखा
और सौ सुनार की और एक लौहार की।
गली मुहावरों वाली
कहे सुन लो सौ बात की एक बात।
बाँध लो गाँठ और जान लो
दो और दो चार होते है और एक और एक ग्यारह।
वक्त एक सा नहीं रहता
जो ख़्वाब हों जागती आँखों के
तो मुट्ठी में होगा आसमान।
जो आज जान लिया यह राज़
कि पत्थर भी घिसते - घिसते महादेव बन जाते हैं।
जो आज अपना लिया यह गुरूमंत्र
देर से आए दुरूस्त आए
और बूँद-बूँद से भरती है गागर।
तो फर्श से अर्श तक नाम होगा तेरा
और ना रूका है ना रूकेगा काफ़िला तेरा।
फिर ना कोई ऊँगली उठेगी, ना जुमले कसेंगे
कि देखते हैं ऊँट किस करवट बैठता है।
जो पहिए दौड़ें मेहनत से तो हर और होगी ईश्वर की रहमत।
फिर सब मूक देखेंगे
तब खुदा भी आकर पूछेंगे तुससे कि बता बंदे तेरी रज़ा क्या है?
😂 wonderful !! Your words are matchless 😁 .
ReplyDeleteReally an amazing poem
ReplyDeleteGreat preaching
ReplyDeleteSuper Manika.
Delete👍👌👌
ReplyDeleteMam Very inspiring poem..... using proverbs you have penned down such a beautiful poem
ReplyDeleteNice poem mam
ReplyDeleteWonderful nice creation. Giving invaluable life lessons. Congratulations, keep it up.
ReplyDeleteMaza aa gaya😃😃👏🏻👏🏻👏🏻
ReplyDeleteInteresting and creative writing
ReplyDeleteकमाल 😄😄
ReplyDeleteBeautiful 👏👏
ReplyDeleteAmazing poem mam
ReplyDeleteVery very different and creative poem . Really amazing .only you can do so
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