अंश हो तुम मेरा।
An attempt to step into the shoes of a dear one from whom God has snatched away a young son,who wasn't even 25 yet.....
अंश हो तुम मेरा।
मेरे हृदय का टुकड़ा नहीं तुम तो मेरा हृदय हो।
क्या कभी दुस्वप्न में भी मैंने सोचा
अंत होगा तुम्हारा ?
निर्जिव ढ़ेर मिट्टी का मेरा प्यारा लाल होगा?
और जीवन में मेरे अब हरपल अकाल होगा?
बड़े-बड़े तुफ़ानों से मैं लड़ गई
बस हर बार डूबने से खुद को इसलिए बचाया
क्योंकि अंश हो तुम मेरा।
आधार हो तुम मेरा।
मेरे जीवन का लक्ष्य भी तुम और पतवार भी तुम।
जो आया है वो जाएगा
मानती हूँ ऐसा पहली बार हुआ नहीं
सुना भी ,और देखा भी
माँओ ने अक्सर अपना लाल खोया।
क्या दुस्वप्न में भी मैंने कभी सोचा मेरा भी यह हाल होगा।
खून से अपने सींच कर
सपनों में अपने सहेज कर
मैंने हर पल तुम्हें बढ़ते और सम्भलते देखा
फिर कैसे आज तुम्हे जाते देखूँ?
कैसे आज तुम्हे अंतिम बार देखूँ?
कभी पीछे से तुम्हे आवाज़ ना दी
सुना है यह शुभ नहीं
काश! मैं बस कल एक बार पुकार लेती
नज़र तुम्हारी घर की दहलीज़ पर उतार लेती
तो आज अशुभ शुभ होता।
आज जब तुम जा रहे हो सब छोड़कर
मुँह मुझसे मोड़कर
क्या तुम्हे याद है अंश हो तुम मेरा ?
क्या आखिरी बार
बस आखिरी बार
सुनकर मेरी पुकार
क्या बस आज आखिरी बार मुझे यह अधिकार दे सकोगे?
मैं बस एक ,बस एक निवाला और बनाऊँ
और अपने हाथों से तुम्हें बस एक आखिरी बार खिलाऊँ।
मैं एक बार बस एक बार
तुम्हें आँखें खोलकर मुस्कुराता पाऊँ।
बस एक आखिरी बार तुम ज़िद करो
और मैं तुम्हे मनाऊँ।
बस एक आखिरी बार मैं मुख से तुम्हारे 'माँ' सुन पाऊँ।
अंश हो तुम मेरा
मैं कैसे भूल जाऊँ
बचपन मैं नन्हे हाथों को तुम्हारे
कभी गरम प्याला ना थमाया।
आज अर्थी पर कैसे तुम्हें सजाऊँ?
और कहाँ से पत्थर का कलेजा लाऊँ
जो देखे तुम्हें जलती चिता पर।
बस कुछ और क्षण में
आज सब जल जाएगा ।
पर बिन तुम्हारे जान लो
अब ना कोई होली ना दीवाली होगी।
पूछती हूँ ईश्वर से
कैसी है यह उसकी माया
क्यों छोड़ दिया मुझे यूँ हरपल तिल-तिल कर रिसने और तड़पने को?
अंश हो तुम मेरा
अब हर साँस मेरी तुम्हारा उधार होगी।
बस हरपल अब मेरे मन मरूस्थल
की यह आस होगी
हर जन्म मैं
मैं माँ बनूं तुम्हारी
क्योंकि बस अंश हो, अंश थे और अंश रहोगे तुम मेरा।
Beautiful creation Manika Mam
ReplyDeleteIt's really very heart touching and made me cry
Very touching
ReplyDeleteVery nice and touchy
ReplyDeleteVery heart touching poem. Made me emotional.
ReplyDeleteCommendable ma'am 👌, very heart touching ❤️
ReplyDelete💚💛
ReplyDeleteHeart warming ! ❤️
ReplyDeleteHeart touching
ReplyDeleteVery nice mam ❤❤
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ReplyDeleteHeart wrenching
ReplyDeleteSuper amazing 😍
ReplyDeleteHeart wrenching
ReplyDeleteHeart wrenching
ReplyDeleteAmazing mam
ReplyDeleteHeart Touching
ReplyDeleteये दर्द,ये तडप
ReplyDeleteरोना,सिसकना
माँ का बिलखना
इतना सजीव चित्रण
तुम ही कर सकती हो मणिका
Commendable creation
Dil ko chhu Lene wali poem shandar
ReplyDeleteVery touching .Made me cry.
ReplyDeleteबड़ा ही मार्मिक वर्णन, जिसमें वात्सल्य रस घोल कर आपने इस रचना के माध्यम से पाठक को भाव विभोर कर दिया।
ReplyDeleteMarmik and sajiv chitrn of emotions
ReplyDeleteThis is dedicated to my mother I feel every single line for my brother 😭
ReplyDelete♥️♥️♥️♥️🥺
ReplyDeleteऐसी कविता लिखने के लिए कलेजा चाहिए, खासकर जब लेखक एक मां हो, औरत हो.... Big salute...
ReplyDeleteMam you did a great work 😭🩷👏🏻
ReplyDeleteHeart touching words,mam
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